मेरी बचपन की यादें
मेरी बचपन की यादें
मैं धुँए की कश में उडाता गया
बचपन की खुशियां लुटाते गया
जो सपने में देखि तन्हाई उसे
दर बदर मैं भुलाता गया
जो चेहरे की झुर्रिया,
सबकुछ बताती
कसमकस में सब दबाता गया।
बचपन की खुशियां लुटाते गया
आँखों की परदे पे
जब देखा वो यादें
आंसू से तन्हाई बोझिल हुई।
मैं धुंए की कस में उडाता रहा।
जब यादों की बचपन
सबकुछ सुनाता
यारों की बिछड़न मैं
गाता रहा।
Written By Amit Mohan
