हाँ कर दो मुझे, अगर तुम्हें भी मंजूर है – A beautiful Kavita for Proposing someone on Propose Day
ये कविता मैंने उन लोगों केलिए लिखीं है जो इस प्रोपोज़ डे पर अपनी गर्लफ्रेंड को प्रोपोज़ करना चाहते है। अगर आपको समझ नहीं आ रहा अपनी महबूबा को कैसे प्रोपोज़ करूँ तो आप उनको ये कविता भेज कर प्रोपोज़ कर सकते हैं या उनको खुद भी ये कविता पढ़ कर सुना सकते हैँ। मुझे पूरा यकीं है आपकी प्रेमिका ये सुन कर ज़रूर इम्प्रेस हो जाएगी और अगर उनके दिल में भी आपके लिए कुछ भी फीलिंग होगा तो आपको हाँ कर देगी।
हाँ कर दो मुझे, अगर तुम्हें भी मंजूर है।
तुम सो रही थी, होकर बेखबर।
मेरा दिल धड़क रहा था, होकर बेसबर्।
सोच रहा था, कब ख़तम होगी ये रात?
कब आएगी सुबह, लेकर खुशियों की सौगात।
Propose Day का पावन सा मंज़र होगा।
तुम्हारे दिल में भी प्यार का एक समुंदर होगा।
जब पढ़ रही होगी तुम ये प्यारा सा पैगाम।
धक-धक धक-धक तुम्हारे दिल के अंदर भी होगा।
अब सुनो, कर रहा हूँ मैं हाले-दिल बयाँ।
जब से तुम मिली हो, भूल गया हूँ मैं ना जाने सब कुछ कहाँ।
सोचता रहता हूँ, मैं हर वक़्त तमहारे बारे में।
ढूंढता रहता हूँ, मैं तुम्हारी शकल आसमान के हर एक सितारे में।
अब वक़्त आ गया है, मैं ये जता दूँ तुम्हें।
दिल में जो भी छुपा है,वो सब बता दूँ तुम्हें।
तुम्हें पाने की, मैं दिल में तमन्ना रखता हूँ।
तुम्हारे संग ज़िंदगी बिताने की, मैं दिल में तमन्ना रखता हूँ।
आज मौका भी है और दस्तूर भी है।
हाँ कर दो मुझे, अगर तुम्हें भी मंजूर है।
वादा रहा, मैं तुम्हारी ज़िंदगी में खुशीयाँ लाऊंगा।
हर मोड़ पर ज़िंदगी के, मैं तुम्हारा साथ निभाऊँगा।
